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Indigo Crisis:पांचवें दिन भी उड़ानें बुरी तरह प्रभावित, Dgca ने दीं छूटें; तेज हुई हालात सुधारने की कोशिश

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों भारी संकट से गुजर रही है। उड़ानों में लगातार चौथे दिन भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी देखने को मिली। सिर्फ शुक्रवार को ही 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस स्थिति को संभालने के लिए विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो को कई तरह की अस्थायी छूट दी है ताकि ऑपरेशन्स जल्दी सामान्य हो सकें और पायलटों की कमी से पैदा हुई दिक्कत को दूर किया जा सके।

बता दें कि डीजीसीए की तरफ से इंडिगो को दी गई छूट के तहत  डीजीसीए ने पायलटों की ड्यूटी संबंधी नियमों (एफडीटीएल) में इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक एक बार की विशेष छूट दी है। यह छूट केवल इसलिए दी गई है ताकि एयरलाइन की उड़ान सेवाएं जल्दी से सामान्य हो सकें। इस दौरान विमानन नियामक ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन छूटों के बावजूद सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी गई है।

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नाइट लैंडिंग के नियमों में अस्थायी बदलाव

डीजीसीए ने नाइट लैंडिंग से जुड़े नियमों में इंडिगो को अस्थायी राहत दी है। नई एफडीटीएल व्यवस्था के तहत पायलटों को केवल दो नाइट लैंडिंग की अनुमति थी, लेकिन फिलहाल इंडिगो के लिए यह सीमा हटा दी गई है। सामान्य तौर पर कोई भी पायलट एक दिन में अधिकतम छह लैंडिंग कर सकता है। पहले रात का समय 12 बजे रात से 6 बजे सुबह तक माना जाता था, जिसे अभी इंडिगो के लिए घटाकर 12 बजे रात से 5 बजे सुबह तक कर दिया गया है। इन बदलावों से अधिक पायलट उड़ानें संचालित कर सकेंगे और बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने की स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद है।

प्रशिक्षित पायलटों को भी उड़ान भरने की अनुमति

इतना ही नहीं डीजीसीए ने प्रशिक्षित और विभिन्न ड्यूटी पर तैनात पायलटों को भी अस्थायी रूप से उड़ान भरने की अनुमति दे दी है, ताकि इंडिगो के संचालन सामान्य हो सकें। जो पायलट इस समय दूसरे कामों में लगाए गए हैं या प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं, उन्हें फरवरी 2026 तक उड़ान भरने की इजाज़त मिल गई है।

FOIs को भी उड़ान के लिए छोड़ा गया

वहीं, डीजीसीए के पास तैनात इंडिगो से आए 12 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (एफओआई) को भी एक सप्ताह के लिए एयरलाइन में वापस उड़ान संचालन और सिम्युलेटर चेक जैसी जिम्मेदारियों के लिए भेजा गया है। ये सभी पायलट A320 विमान उड़ाने के योग्य हैं और इनके लाइसेंस भी पूरी तरह वैध हैं।

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डीजीसीए ने कड़ी की निगरानी

उधर, डीजीसीए ने निगरानी और सख्त कर दी है। उसकी टीमें सीधे इंडिगो के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर में मौजूद रहकर उड़ानों में देरी, रद्दीकरण और यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं पर वास्तविक समय में नजर रख रही हैं। इसके अलावा, डीजीसीए के क्षेत्रीय कार्यालयों की टीमें भी देशभर के हवाई अड्डों पर हालात की लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं।

हालात की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल गठित

इसके साथ ही इतनी बड़ी अव्यवस्था के कारणों की जांच के लिए डीजीसीए ने चार सदस्यीय समिति भी गठित की है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। नियामक के मुताबिक, शुरुआती जांच में साफ संकेत मिलते हैं कि इंडिगो की आंतरिक निगरानी, संचालन तैयारी और नियमों के पालन में गंभीर कमी रही, जिसके चलते यह संकट पैदा हुआ।

अब समझिए कहां हुई गलती?


गौरतलब है कि डीजीसीए के अनुसार इंडिगो की सबसे बड़ी चूक उसके अपने संचालन प्रबंधन में ही रही। नियामक ने बताया कि एयरलाइन पायलटों की उपलब्ध संख्या का सही आकलन नहीं कर पाई, समय पर उनका प्रशिक्षण पूरा नहीं कराया और नई एफडीटीएल व्यवस्था लागू होने के बावजूद ड्यूटी रॉस्टर में आवश्यक बदलाव भी नहीं किए। यह सब तब हुआ, जबकि डीजीसीए ने एयरलाइन को कई बार पहले ही चेतावनी दी थी कि समय रहते तैयारी कर लेनी चाहिए। इन कमियों के कारण नवंबर 2025 के अंत से ही उड़ानों में बड़े पैमाने पर देरी और रद्दीकरण शुरू हो गया, जो धीरे-धीरे बढ़कर एक गंभीर परिचालन संकट का रूप ले चुका है।



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